प्रवेश के लाभ
वैकल्पिक चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवं कानूनन स्थापित ऑल इण्डिया अल्टरनेटिव मैडिकल बोर्ड द्वारा सम्बन्ध है। भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारी के अन्तर्गत अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस के इन्सटीट्यूट खोलने एवं चिकित्सा व्यवसाय को करने के लिए सम्पूर्ण भारतवर्ष में कानूनन किया जा सकेगा जैसा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की खण्डपीठ द्वारा एन०सी० 787 में निर्णय दिया जा चुका है एवं अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस की बेचलर नेबुरो योगा थैरेपी को एम०बी०बी०एस० के समकक्ष मान लिया गया है व इसके पंजीकरण समस्त भारत में किये जा रहे हैं साथ ही साथ एक्यूपंक्चर व एक्यूप्रेशर को भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनायी गयी कमेटी ने पंजीकरण करने के लिए कहा है एवं भारतीय चिकित्सा परिषद, लखनऊ के अध्यक्ष ने वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के डाक्टरों का पंजीकरण भारतीय चिकित्सा परिषद लखनऊ द्वारा करने के लिए चिकित्सा शिक्षा सचिव को प्रस्तान भेजा है और इस प्रस्तान को स्वीकार कर लिया गया है और यह लगभग तय है कि अल्टरनेटिव चिकित्सकों का पूरे भारतवर्ष में सरकारी बोर्ड बनाकर रजिस्ट्रेशन किये जायेंगे।
माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा स्वस्थ महानिदेशक दिल्ली एवं स्वास्थ्य महानिदेशक लखनऊ को पत्र लिखकर सूचित किया जा चुका है कि अल्टरनेटिव चिकित्सकों के चिकित्साभ्यास में कोई व्यवधान ना उत्पन्न किया जाये यही कारण है कि आज अल्टरनेटिव मैडिकल साइंस का देश विदेश के कोने-कोने में प्रचार व प्रसार हो रहा है एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों का झुकाव इस ओर हो रहा है आज के आधुनिक युग में अल्टरनेटिव मेडिकल साईस का अति महत्वपूर्ण स्थान है इसके अध्ययन से चिकित्सकगण अपनी जीविकापार्जन का नया मार्ग प्राप्त करने के साथ ही जनता की सेवा भी कर सकते हैं।
अल्टरनेटिव मेडिकल साईस योगा व नेचुरोपेथी के प्रचार-प्रसार एवं सर्वांगीण विकास के लिए योगा व प्राकृतिक चिकित्सकों का सरकारी रजिस्ट्रेशन किया जाये अल्टरनेटिव मैडिकल साईस की पद्धतियों के सरकारी बोर्ड बनाकर सरकारी स्तर से मैडिकल कॉलेज खोले जाये जिससे जनता को प्राथमिक चिकित्सा सेवा सुविधायें मिल सके और कठिन साध्य रोगो का सही उपचार हो सके के सम्बन्ध में राज्य सभा सचिवालय संसद भवन नई दिल्ली को एक जनहित याचिका तथा भारतीय चिकित्सा अधिनियम संशोधन 2005 हेतु एक प्रस्तावित विधेयक का प्रारूप भारतीय संसद में विधेयक पारित करवाने हेतु श्रीमान माननीय महासचिव राज्य सभा सचिवालय के माध्यम से भेजा गया है इस सम्बन्ध में राज्य सभा सचिवालय द्वारा प्राप्त पत्र सैन्ट्रल काउन्सिल ऑफ रिसर्च इन योगा नेचुरोपैथी दिनांक 02.02.2010 के अनुसार योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा भारतवर्ष की प्राचीन स्वास्थ्य पद्धतियों है।